नशा उन्मूलन पर वाईएमसीए में बोलीं शिवानी सिंह, नशा से व्यक्ति का भविष्य नष्ट हो जाता है

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न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

रांची : झालसा के निर्देश पर  न्यायायुक्त-सह-अध्यक्ष के मार्गदर्शन में आज वाईएमसीए में छात्रों के लिए नशा मुक्ति पर एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया। लाइफ सेवर्स के अतुल गेरा, एलएडीसी की शिवानी सिंह, एनसीबी के मनीष रंजन एवं अन्य ने नशे के दुरुपयोग और दुष्प्रभावों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

लाईफ सेवर्स एनजीओ के अतुल गेरा के द्वारा भी नशा उन्मूलन पर प्रकाश डाला गया, उन्होंने कहा कि जिनको ड्रग्स या दूसरा नशा का लत लग जाता है उसका शरीर धीरे-धीरे खोखला हो जाता है। बच्चे भारत देश का भविष्य है, इसलिए हर हाल में ड्रग्स से दूर रहना है और दूसरों को भी नशामुक्त करना है। 
एन.सी.बी. के मनीष रंजन ने कहा कि ड्रग्स, गांजा या चरस तथा अफीम लेने से दूसरे दिन हमारा शरीर फिर उसी समय नशा का मांग करने लगता है। नशा नहीं करने से फिर बेचैनी, उल्टी होने लगता है। हमें ड्रग्स नहीं लेना है। अपने शरीर, अपने समाज एवं राज्य को नशामुक्त बनाना है। 
रांची-सीआईडी से आये लोगों ने बच्चों को बताया कि कहीं पर भी कोई नशा करता हो या नशा का सामान बेचता हो तो टॉल फ्री नम्बर 9771432110 पर सम्पर्क करें।

सीआईडी का नम्बर - 9199497829, राष्ट्रीय टॉल फ्री नम्बर - एन.सी.बी. 1933 पर सम्कर कर सकते हैं। 
एलएडीसी अधिवक्ता शिवानी सिंह ने मानव औषधियां और मनःप्रभावी पदार्थ-1985 के अधीन अफीम, गांजा, हिरोईन, ब्राउन शुगर एवं अन्य तरह के मादक पदार्थों के बारे में बतलाया तथा व्यापार करना तथा अफीम की खेती करने से संबंधित अपराध के बारे में जानकारी दी एवं औषधि और प्रसाधन सामाग्री अधिनियम 1940 के बारे में बताया। 

इन पदार्थों की खरीद-विक्र, भंडारण, उपभोग, उपयोग, एक राज्य से दूसरे राज्य में तस्करी करना जो कानूनन अपराध है तथा इस अपराध की सजा के बारे में जानकारी दी गयी। इसके अलावा एनडीपीएस, एनसीबी तथा संविधान के अनुच्छेद-47 के संबंध में फोकस किया। सजा को तीन कैटेगरी स्मॉल, इंटरमीडिएट, कॉमर्शियल में बांटा गया है। इसमें 2 से 10 साल की न्यूनतम सजा और अधिकतम सजा 20 साल तथा 2 लाख का जुर्माना भी है। दुबारा अपराध करने से सजा बढ़ जाती है। 

एन.सी.बी. से आये पदाधिकारी ने संबोधित करते हुए कहा कि ड्रग्स लेने से हमारे सोचने समझने की क्षमता खत्म हो जाती है। हम सही कर रहे नशा से शारिरीक, मानसिक एवं आर्थिक हानि होत है। नशा में व्यक्ति चोरी करना शुरू कर देता है। नशा के चपेट में आकर नशीली पदार्थों का सेवन कर युवा वर्ग अपने अनमोल जीवन को नष्ट कर रहे है। नशा से पूरा घर-परिवार बरबाद हो जाता है। नशा के रोकथाम के लिए कई कार्य विभिन्न संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है।

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