चाईबासा में "हो" राइटर्स एसोशिएसन एवं आदिवासी "हो" समाज युवा महासभा की आम बैठक संपन्न
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
चाईबासा।चाईबासा के आदिवासी "हो" समाज महासभा, कला एवं संस्कृति भवन, हरिगुटू में "हो" राइटर्स एसोशिएसन और आदिवासी "हो" समाज युवा महासभा की एक महत्वपूर्ण आम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता "हो" राइटर्स एसोशिएसन के संयुक्त सचिव दिलदार पुरती ने की। बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा की गई, जो "हो" भाषा और साहित्य के विकास तथा एसोशिएसन की विभिन्न गतिविधियों से संबंधित थे।
बैठक में मुख्य रूप से किताबों का संग्रह, पुस्तकों के प्रकाशन, एसोशिएसन के नाम को राष्ट्रीय स्तर पर बदलने का प्रस्ताव, ऑफिस की स्थापना, और इसके निबंधन की प्रक्रिया पर विचार किया गया। इसके अलावा, "हो" भाषा और साहित्य के विकास में सोशल मीडिया की भूमिका पर भी चर्चा हुई। बैठक में इस बात पर चिंता व्यक्त की गई कि सोशल मीडिया पर "हो" भाषा और समाज से संबंधित कुछ अनुचित सामग्रियों का आदान-प्रदान हो रहा है, जिससे समाज की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस विषय पर प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज को ज्ञानवर्द्धक विषयों पर संवाद करने और सकारात्मक समर्थन जुटाने की आवश्यकता है।
विशेष चर्चा के दौरान यह निर्णय लिया गया कि "हो" भाषा के विकास में सामाजिक मानकीकरण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए भाषा विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, साहित्यकारों, लेखकों, कवियों और अन्य भाषाप्रेमियों को इस मुहिम से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, सामाजिक संगठनों के साथ अधिवेशन, महाधिवेशन, सम्मेलन और महोत्सव जैसे बड़े कार्यक्रमों के माध्यम से संवाद स्थापित कर अनुचित गतिविधियों पर रोक लगाने पर भी जोर दिया गया।
बैठक में अगले सप्ताह होने वाले "हो" राइटर्स एसोशिएसन के कवि सम्मेलन पर भी चर्चा की गई, जिसमें विभिन्न कवियों और लेखकों को आमंत्रित किया जाएगा ताकि वे अपने विचारों और रचनाओं के माध्यम से "हो" भाषा को और समृद्ध कर सकें।
इस अवसर पर "हो" राइटर्स एसोशिएसन के अन्य प्रतिनिधि दुसरू पाड़ेया, संयुक्त सचिव जगन्नाथ हेस्सा, संगठन सचिव सिकंदर बिरूली, सबिना बारी, आदिवासी "हो" समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इपिल सामड, राष्ट्रीय महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम, प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द बिरूवा, जिलाध्यक्ष शेरसिंह बिरूवा, सुरेश पिंगुवा, मनीष बिरूवा, टाटाराम सामड और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
बैठक का समापन आदिवासी "हो" समाज की भाषा और संस्कृति के संरक्षण एवं उन्नति की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने के संकल्प के साथ हुआ।
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